अगर पीएम किसान सम्मान निधि के पैसे आपके खाते में नही आये है तो यहाँ पर फ़ोन करे
अगर आपको पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेना है तो सरकार के द्वारा जारी निर्देश को पूर्ण करना चाहिए और इसके लिए आपको टोल फ्री नंबर से मदद भी मिल रही है जिसके माध्यम से सभी प्रकार की किसान निधि से सम्बंधित परेशानिया का समाधान किया जा रहा है।
सभी किसान भाई अभी के टाइम में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 13वी क़िस्त का इंतजार कर रहे है और इसके लिए सरकार की तरफ से किसानो को कई बार कहा जा चूका है की किसान अपनी KYC अपडेट करवा ले और भू सत्यापन करवाने के बाद ही उनके खाते में पैसे डाले जायेंगे। लेकिन बहुत से किसानो ने अपनी ये कार्य पूर्ण नहीं करवाए है और बाद में ये किसान कहेंगे की उनका पैसा नही आया है या फिर लिस्ट से उनका नाम काट गया है। आप किसी भी कॉमन सर्विस सेण्टर पर जाकर इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करवा सकते है।
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12वीं किस्त 17 अक्टूबर 2022 को भेजी गई थी
किसानो के खाते में बाहरवीं क़िस्त की राशि को जमा हुए काफी दिन हो चुके है। जिस दिन ये राशि जमा हुयी थी उस टाइम करीब एक करोड़ किसान ऐसे थे जिनका नाम इस योजना से कटा था और इन लोगो से अब वसूली की जा रही है क्योकि ये फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ ले रहे थे और इसमें वे किसान भी शामिल थे जिन्होंने अपनी KYC और भू सत्यापन नहीं करवाया था। जबकि अब 13वी क़िस्त की राशि जारी होने वाली है तो आपको सावधान होकर सरकार के द्वारा जारी दिशा निर्देशों को पूर्ण करना चाहिए तभी आपको इस योजना में राशि मिल सकती है।
यहाँ पर करे फ़ोन किसान निधि से सम्बंधित जानकारी के लिए
सरकार के द्वारा किसानो की मदद के लिए टोल फ्री नंबर जारी किये गए है जिन पर आपको पूर्ण सुविधाएं मिलती है। इन नुम्बरो पर आप किसान सम्मान निधि योजना से जुड़े सभी सवाल पूछ सकते है अपने खाते की जानकारी ले सकते है। ये हेल्पलाइन नंबर- 155261 या 1800115526 (Toll Free) या फिर 011-23381092 पर भी संपर्क कर सकते हैं.
इन लोगो के नाम काटे जा रहे है।
जिन लोगो ने भू सत्यापन नहीं करवाया है और kyc अपडेट नहीं करवाई है उन लोगो का नाम इस योजना से काट दिया जायेगा उनका नाम फर्जी किसान की लिस्ट में जुड़ जायेगा और उनके खिलाफ पहले जो भी राशि जारी की गई है उसकी जाँच की जाएगी। जिस समय बाहरवीं क़िस्त की राशी जारी की गई थी उस टाइम भी बहुत से ऐसे लोग थे जिनका नाम इस योजना से कटा था और उनके खिलाफ जाँच में पता चला था की वो लोग फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ ले रहे थे जबकि उनके नाम कोई जमीं नहीं है और न ही वो लोग किसान है।