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Computer क्या है और कैसे काम करता है

What is computer and how it work?

Computer एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसका काम डाटा की गणना और डाटा को अपने अंदर सहेज कर रखना , डाटा का वितरण करना है। और जानकारी का प्रबंधन करने के निर्देशों को संसाधित करता है कंप्यूटर बहुत सारे पुर्जो  जिसे हम हार्डवेयर कहते है और सॉफ्टवेयर जो मशीन को काम करने के निर्देश देने के लिए प्रयोग होते है से मिलकर बना है। कंप्यूटर शब्द लेटिन भाषा के कम्पुटरे से लिया गया है। जिसका अर्थ है गणना करना।

कंप्यूटर का काम सिर्फ ये होता है की सबसे पहले डाटा लेना जिसे इनपुट कहा जाता है। दूसरा उस डाटा को प्रोसेसिंग करना और तीसरा उस डाटा से क्या रिजल्ट निकला वो दिखाना जिसे हम आउटपुट कहते है

First computer designed by Charles Babbage

आधुनिक कंप्यूटर का जनक चार्ल्स बेबेज है। क्योकि चार्ल्स बेबेज ने ही सबसे पहले मैकेनिकल कंप्यूटर डिज़ाइन किया था। जिसे एनालिटिकल इंजन के नाम से जानते है। इस कंप्यूटर में कार्य पंच कार्ड की मदद से होता था। पंच कार्ड से डाटा इन्सर्ट किया जाता था।Computer

Computer work module – Input Data – Processing – Output result

कंप्यूटर के बारे में हम कहा सकते है की ये एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो यूजर से डाटा लेती है जिसे हम इनपुट बोलते है। फिर उस डाटा को प्रोग्रम्मिंग के तहत उसका विश्लेषण करता है और आखिर में हमें परिणाम दिखता है जिसे हम आउट पुट बोलते है। कंप्यूटर न्यूमेरिकल और नॉन न्यूमेरिकल यानि की गणितीय और लॉजिकल कैलकुलेशन को प्रोसेस करता है।

कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है? Computer full form

C – Commonly
O – Operated
M – Machine
P – Particularly
U – Used for
T – Technical and
E – Educational
R – Research

कंप्यूटर का इतिहास History of computer

ये बात तो कन्फर्म नहीं है की कंप्यूटर को डेवेलोप करना कब शुरू किया गया लेकिन कंप्यूटर को पीढ़ियों के हिसाब से बाँट दिया गया है जो पांच हिस्सों में बटे हुए है। अगर हम कंप्यूटर की पीढ़ियों की बात करे तो अलग अलग जनरेशन की जरुरत के हिसाब से कंप्यूटर में बदलाव किये जाते रहे और कंप्यूटर अपडेट होते रहे।

Computer updates

first Generation  Computer – 1940-1956 Vacuum Tube

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी

जो कंप्यूटर सबसे पहले बनाया गया उसमे वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल होता था। इनका साइज काफी ज्यादा बड़ा होता था और इनको चलाने के लिए काफी मात्रा में ऊर्जा की जरुरत होती थी। बड़ा साइज होने की वजह से इसमें हिटिंग की प्रॉब्लम बहुत आती थी और बहुत बार मालफंक्शन भी होता रहता था इनमे Machine भाषा का इस्तेमाल होता था।

Second Generation computer – 1956-1963 Transistors

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी

सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब की जगह अब ट्रांजिस्टर का प्रयोग होने लगा था। ट्रांजिस्टर की ये खाशियत होती थी की ये कम जगह लेते थे और बहुत कम मात्रा में ऊर्जा की खपत करते थे। और ये सस्ते भी आते थे तो इनका प्रयोग होने लगा। और सबसे खाश बात इनकी ये थी की ये हिट कम होते थे जिससे काम करने में ज्यादा आसानी होने लगी थी। इन कंप्यूटर में हाई लेवल लैंग्वेज का प्रयोग किया जाता था। जैसी कोबोल , फोरट्रान ,

Third Generation Computer – 1964-1971 Integrated Circuits

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में पहली बार इंटीग्रेटेड सर्किट का इस्तेमाल होने लगा था। integrated circuit में ट्रांसिस्टर्स को छोटी साइज में करके एक सिलिकॉन चिप में फिट किया गया था जिसे हम सेमि कंडक्टर कहते है। सिलिकॉन चिप रेत से बनी होती है। इससे फायदा ये हुआ की कंप्यूटर के काम करने की क्षमता बहुत अधिक हो गई और जटिल गणना भी आसानी से होने लगी थी। तीसरी पीढ़ी के इन कंप्यूटर में पहली बार मॉनिटर कीबोर्ड और ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल हुआ था। और इन्ही कंप्यूटर को पहली बार मार्किट में उतारा गया था।

Forth Generation Computer –1971-1985 “Microprocessors

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी 

तीसरी पीढ़ी के बाद जो कंप्यूटर आया उसमे काम करने की गति बहुत अधिक थी ये बड़ी बड़ी कैलकुलेशन आराम से कर सकता था । इसमें मॉरोप्रोसेस्सोर का इस्तेमाल किया गया था। माइक्रो प्रोसेसर में हजारो की संख्या में इंटरग्रटेड सर्किट को एक चिप में जोड़ा गया था जिससे इसका आकार बहुत छोटा हो गया था और ऊर्जा की खपत भी बहुत कम हो गई थी।

Fifth Generation Computer – 1985-present  Artificial Intelligence

कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर यानि के आज के समय के कंप्यूटर जिन्हे हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करते है। आज के दौर में आर्टिफीसियल इंटेलिगेंट्स का दबदबा है। नई नई टेक्नोलॉजी आ गई है। आज के कंप्यूटर में खुद डिसिशन लेने के क्ष्य्मता है और इनके बिना मानव जीवन लगभग निर्थक हो गया है। सारे काम आटोमेटिक तरीके से ये कंप्यूटर कर देते है।

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया ?

अत्याधुनिक कंप्यूटर आज के ज़माने का रोल मॉडल है। लेकिन ये बनाया किसने इसके बारे में जान लेते है। कंप्यूटर को बनाने में सबसे बड़ा योगदान चार्ल्स बेबेज का है इन्होने ने ही कंप्यूटर की नीव रखी थी। उन्होंने ही सबसे पहले एनालिटिकल इंजन नामक कंप्यूटर बनाया था। उनके बनाये इस कंप्यूटर में ALU, Basic Flow control और Integrated Memory की concept लागु की गयी थी. इसी model पे ही Base करके आजकल के कंप्यूटर को design किया गया. इसी कारन उनका योगदान सबसे ज्यादा है. तभी उनको कंप्यूटर के जनक के नाम से भी जाना जाता है.

कंप्यूटर को कैसे चलाते हैं ? – How Run Computer  ?

नार्मल कार्य के लिए दो तरह के कंप्यूटर प्रयोग होते है। एक होता है डेस्कटॉप कंप्यूटर जिसे सिर्फ एक जगह रखकर काम किया जा सकता है। और एक होता है लैपटॉप जिसे हम कही भी ले जा सकते है। कंप्यूटर को चलाना बहुत ही आसान होता है बस आपको थोड़ी से समझ होनी चाहिए। कंप्यूटर को ऑन करने के लिए पावर बटन होता है उसे ऑन कीजिये और उसके बाद माउस को जिस आइकॉन पर ले जाकर क्लिक करेंगे वो ओपन हो जायेगा आप उसमे काम कर सकते है। जैसे पेंट्शाप में आप पेंट करना और माउस कण्ट्रोल करना सिख सकते है वैसे ही आप मिरकोसॉफ़्ट वर्ड में और अलग काम होता है उसी प्रकार एक्सेल में गणना का काम होता है। ऐसे ही आप धीरे धीरे सिख जायेंगे।

कंप्यूटर कैसे कार्य करता है? How work computer

कंप्यूटर की कार्यप्रणली – कंप्यूटर तीन स्टेज पर काम करता है
इनपुट – इसमें कंप्यूटर को कुछ इनफार्मेशन जैसे वीडियो फोटोज या और कुछ दिया जाता है। यूजर इनपुट के रूप में ये इनफार्मेशन कंप्यूटर को देता है और कुछ कमांड देता है।

प्रोसेस – कंप्यूटर उस इनफार्मेशन को यूजर से लेकर उसको मशीनी भाषा में बदलकर डाटा को प्रोसेस करता है। और डाटा प्रोसेसिंग के बाद जो रिजल्ट निकलता है वो डिस्प्ले करता है मॉनिटर पर। जिसे हम सेव भी कर सकते है।

आउट पुट – कंप्यूटर जो इनफार्मेशन यूजर से लेता है और उसको प्रोसेस करके जो रिजल्ट दिखता है उसे आउट पुट रिजल्ट बोलते है।

कंप्यूटर के भाग – Computer component

आपने कभी कंप्यूटर को खोल कर देखा है। अगर देखा है तो उसमे आपको बहुत सारे छोटे छोटे कॉम्पोनेन्ट दिखाई दिए होंगे और देखने में आपको कुछ समझ भी नहीं आया होगा तो आज आपको उनके बारे में पूरी जानकारी देने वाला हु।

Motherboard

Motherboard कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है। इसमें ही सारे कॉम्पोनेन्ट जुड़ते है। ये हल्का और पतला होता है और इसमें बहुत सारे कॉम्पोनेन्ट लगे होते है। बहुत से सर्किट , प्रोसेसर , रैम , कार्ड, और बहुत से छोटे छोटे कॉम्पोनेन्ट होते है। और हार्ड ड्राइव , सीडी ड्राइव , पावर पैनल सभी मदर र्बोर्ड से जुड़े होते है।

CPU ( Mirco processor)

इसको कंप्यूटर का दिमाग भी कह सकते है । कंप्यूटर की सभी गतिविधिया यही कण्ट्रोल करता है। कंप्यूटर में क्या डाटा आ रहा है और क्या गणना चल रही है क्या आउट पुट जाना है। सब ये प्रोसे

सर कण्ट्रोल करता है। आपके कंप्यूटर की स्पीड भी इसी पर निर्भर करती है जितना ज्यादा पावरफुल प्रोसेसर होगा कंप्यूटर उतना ही तेज चलेगा।

RAM

इसको हम रैंडम एक्सेस मेमोरी भी कहते है। इसका काम किसी भी डाटा को कम समय के लिए स्टोर कर के रखना है। अगर किसी वजह से कंप्यूटर बंद हो जाता है। तो कंप्यूटर में जो प्रोग्राम चल रहे थे उस समय वो RAM में save हो जाते है और डाटा लॉस नहीं होता। जब भी आप दोबारा कंप्यूटर ओपन करेंगे तो वही डाटा आपको मिल जायेगा। लेकिन ये टेम्पररी होता है इसलिए इस डाटा को सेव कर के रखना चाहिए जिसके लिए कंप्यूटर में हार्ड डिस्क होती है।

Hard drive

हार्ड ड्राइव डिस्क में कंप्यूटर की सभी फाइल परमानेंट सेव होती है। और जब तक हम खुद नहीं हटाते वो खुद डिलीट नहीं होता। इसमें कंप्यूटर के सभी सॉफ्टवेयर और विंडो सेव होती है। ये एक परमानेंट स्टोरेज डिवाइस है।

Power supply

कंप्यूटर में इस का काम पुरे सिस्टम को पावर देना होता है। ये सभी कॉम्पोनेन्ट को पावर सप्लाई करता है। जिससे कंप्यूटर चलता है।

Cards

  1. Video card – ये कंप्यूटर में वीडियो के ग्राफ़िक और वीडियो को चलने में मदद करता है
  2. Sound card – ये कंप्यूटर के ऑडियो सॉफ्टवेयर को चलाता है जिससे हम गाने सुन पाते है।
  3. Bluetooth device  – किसी भी एक्सटर्नल डिवाइस को जोड़ने के लिए इसका प्रयोग होता है।
  4. Network card – कंप्यूटर को इंटरनेट और अन्य नेटवर्क से जोड़ने के लिए इसका प्रयोग होता है
  5. Graphic cards – इसका प्रयोग फोटोज की गुणवत्ता को सुधरने में किया जाता है इसका प्रयोग गेमिंग में होता है।

Computer hardware

कंप्यूटर में हार्डवेयर – कंप्यूटर में आपने देखा होगा बहुत से कॉम्पोनेन्ट लगे होते है। जैसे मदर बोर्ड , रेम , हार्ड डिस्क और भी बहुत सारे इनको हम हार्डवेयर बोलते है।

Computer software

कंप्यूटर में सॉफ्टवेयर का काम हार्डवेयर को चलाना और यूजर को आउटपुट देना होता है। सॉफ्टवेयर में हम जैसे इंटरनेट चलाने के लिए borwser का इस्तेमाल करते है वो ब्राउज़र एक सॉफ्टवेयर है। ऐसे ही माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस एक सॉवरे है ऐसे बहुत सारे सॉफ्टवेयर होते है जो अलग अलग काम के हिसाब से होते है। इनके उपयोग से काम करने में आसानी होती है। और ये डाटा को बड़े पैमाने पर स्टोर करने में मदद करते है.

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कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है। Type of computer

हमारी जिंदगी में computer  बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। हर जगह कंप्यूटर की प्रयोग हो रहा है। कही भी जाओ। चाहे Railway station  हो या bank हो या किसी सरकारी दफ्तर में हर जगह computer महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। ATM मशीन में भी कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है। आपको बता दे Computer बहुत प्रकार के होते है। कंप्यूटर को हम आकार के हिसाब , काम करने की क्षमता , काम के हिसाब से अलग अलग बाँट सकते है।

कुछ कंप्यूटर के टाइप जो हम रोजमर्रा की जिंदगी में उसे करते है और बड़ी बड़ी कम्पनीज में प्रयोग होते है।

डेस्कटॉप कंप्यूटर Desktop computer

Desktop computer को हम कही लेकर नहीं जा सकते साथ l इस लिए इसका प्रयोग घर दफ्तर में ही कर सकते है। इसमें एक सीपीओ एक स्क्रीन और माउस कीबोर्ड होते है साथ में आप इसमें प्रिंटर और अन्य डिवाइस कनेक्ट कर सकते है। इसमें भी ये कई तरह के होते। प्रोसेसर के हिसाब से अलग अलग हो सकते है।

लैपटॉप  Laptop

लैपटॉप एक पोर्टेबल डिवाइस कंप्यूटर है। इसमें इनबिल्ट बेटरी , डिस्प्ले, कीबोर्ड, होता है। और इसको आप कही भी लेकर जा सकते है। और ये सभी कार्य कर सकता है। जो डेस्कटॉप कंप्यूटर में होता है। और ये भी अलग अलग प्रोसेसर के हिसाब से अलग अलग आते है। डेस्कटॉप की तुलना में हल्का और छोटा होता है। जिसकी वजह से इसको कही भी लेकर जा सकते ह।

टेबलेट  Tablet

ये भी एक पोर्टेबल कंप्यूटर का टाइप है। लेकिन इसमें कीबोर्ड और माउस का काम नहीं होता। ये टच स्क्रीन होता है । लेकिन इसमें भारी सॉफ्टवेयर नहीं चला सकते। इसमें आप इंटरनेट चला सकते है। और गेम खेल सकते है। और वीडियो देख सकते है। और अपने ईमेल वगैरह चेक कर सकते है वीडियो कॉल कर सकते है।

सर्वर Server

सर्वर बहुत सारे कंप्यूटर का एक बड़ा समूह होता है। जिसका इस्तेमाल बैंक , गवर्नमेंट सेक्टर , बड़ी बड़ी कंपनी करती है। ये घरेलु प्रयोग के लिए नहीं होता। या बहुत कम होता है। इनके काम करने की क्षमता बहुत अधिक और तेज होती है ये ज्यादातर सुचना के आदान प्रदान के लिए प्रयोग किये जाते है।

सुपर कंप्यूटर  Super Computer

ये बहुत ही एडवांस कंप्यूटर होते है। इनका प्रयोग उपग्रह नियंत्रण , नासा प्रोग्राम , इसरो , और गूगल जैसी बड़ी कम्पनिया करती है। ये बहुत तेजी से गणना कर सकते है। कोई भी काम ये सेकंड में कर सकते है। ये कंप्यूटर सिर्फ कुछ खाश कार्य के लिए ही प्रयोग होते है।

क्वांटम कंप्यूटर  Quantum computer

क्वांटम कंप्यूटर अभी तक गूगल और चीन के पास है। और ये सबसे अडवांस्ड कंप्यूटर है। और ये आकार में बहुत बड़े होते है। ये बहुत ही एडवांस टेक्नोलॉजी है। जिसकी मदद से इंसान कुछ भी कर सकता है। लेकिन ये अभी तक सिर्फ इसका छोटा प्रोटोटाइप ही मौजूद है।

रोजमर्रा की जिंदगी में प्रयोग होने वाले कंप्यूटर daily uses computer

अब आपको उन कंप्यूटर के बारे में बताते है जिनका प्रयोग हम रोजाना करते है।

Smartphone – 

ये भी एक नार्मल कंप्यूटर है जिसका इस्तेमाल हम रोजाना करते है। इसमें हम इंटरनेट भी चलाते है , वीडियो भी चलते है कालिंग भी होती है। और बहुत सारे काम हम कर पाते है। ये कंप्यूटर का एक छोटा प्रोटोटाइप है। जो सिर्फ नार्मल वर्क के लिए बनाया गया है।

Smartwatch – 

इसमें आप टाइम देखने के आलावा मैसेज देख सकते है , अपने फ़ोन को कण्ट्रोल कर सकते है फ़ोन सुन सकते है। और गाने भी सुन सकते है। इसको ही स्मार्ट वाच बोलते है। इसमें फ़ोन वाले कुछ फंक्शन होते ह।

Smart TV-

टीवी – हम पुराने टीवी की नहीं अब जो चल रहे है उनकी बात कर रहे है। ये पूरी तरह से कंप्यूटर चलित होते है। इनमे भी आप सभी कंप्यूटर के काम कर सकते है। इंटरनेट भी चला सकते है। यूट्यूब चला सकते है। गेम खेल सकते है। पुराने टीवी में क्या आप ये सब कर पाते थे। हमें कमेंट बॉक्स में बताये।

 

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Manoj Kumar

हरियाणा का रहने वाला हूँ और शुरू से ही लिखने का बड़ा शौख रहा है। नई नई चीजों के बारे में जानकारी लेना और इंटरनेट का कीड़ा बनना काफी पसंद है।

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